लखनऊ, यूरिड न्यूज़। स्वामी विवेकानंद की आज 156वीं जयंती है। हर साल 12 जनवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है। आज का दिन देश में युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन 1863 को कोलकाता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। बचपन में उनका नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। उनके परिवार में उनके पिता और माता थी। उनके पिता विश्वनाथ दत्त उस समय कलकत्ता हाईकोर्ट के एक वकील हुआ करते थे।युवा सन्यासी और आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति में डूबा हुआ था। वे जितना ईश्वर में विश्वास करते थे उतना ही वे दीनहीनों की सेवा करना सच्ची ईश्वर पूजा मानते थे। स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु 4 जुलाई, 1902 को हुई थी।
उन्होंने कभी भी किसी चीज का लोभ अपने मन में नहीं रखा, ना ही उन्होंने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य बनाया था। उनका एकमात्र लक्ष्य करोड़ों भारतीयों का जीवन का उत्थान था। युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद आज भी करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। करोड़ों लोगों के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती पर पढ़ें उनके कुछ अनमोल विचार, इनका पालन करते हैं तो ये आपके जीवन के रुख को बदल कर रख देंगे।
स्वामी विवेकानन्द ने अपने विचारों से ना सिर्फ भारत का नाम रौशन किया बल्कि दुनिया में भी देश का मान बढ़ाया था। अमेरिका के शिकागो शहर में दिया गया उनका ओजपूर्ण भाषण आज भी काफी लोकप्रिय है। सन 1893 में उन्होंने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में दुनिया को हिंदुत्व और आध्यात्म का पाठ पढ़ाया था। यहां उन्होंने भारतीय संस्कृति और भारतीय ज्ञान से दुनिया को रुबरू करवाया था।
स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिकता से परिपूर्ण भारतीय वेदांत दर्शन को अमेरिका और यूरोप के क्षितिज में फैलाया था। इस तरह स्वामीजी ने दुनिया में भारतीय संस्कृति को मान दिलाया। उनका रहन-सहन पहनावा इतना साधारण था कि उनके ज्ञान और उनके व्यक्तित्व के पीछे ये चीजें मायने नहीं रखती थी। मोह-माा से दूर रहनेवाले स्वामीजी का मानना था कि व्यक्ति के आचरण से ही उसकी सच्ची पहचान होती है। स्वामीजी के अनुसार, किसी व्यक्ति की संस्कारशीलता वस्त्र या आभूषण आदि से नहीं, बल्कि कर्म की श्रेष्ठता से मालूम होती है।
12th January, 2019