नई दिल्ली, यूरिड न्यूज़। सपा-बसपा गठबंधन के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश का वोट बैंक हासिल करने के लिए अब गठबंधन में एक और दल रालोद को शामिल करने की चर्चा ज़ोरों पर है। रालोद को लेकर कोई घोषणा भले ही नहीं की गई, लेकिन रालोद और सपा नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। गठबंधन में छोड़ी गई दो सीटों के अलावा सपा अपने कोटे की 38 सीटों में दो या इससे अधिक सीट रालोद के लिए छोड़ सकती है। हालांकि आज अखिलेश यादव और रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की मुलाक़ात के बाद प्रेस कांफ्रेस होनी है जिसके बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
पिछले तीन दिन से रालोद के गठबंधन के साथ रहने और कोई दूसरा विकल्प चुनने की अटकलों पर चर्चा चल रही है। लेकिन राजनीतिक गलियारों से छनकर आ रही जानकारी के अनुसार रालोद ने पांच सीटें मांगी थी, जिनमें से चार सीटें मिलने की संभावना बनती दिख रही है।
इनमें से एक सीट पर किसी सपा नेता को रालोद के सिंबल पर लड़ाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि 38-38 सीटों के फार्मूले में बसपा अपने कोटे की 38 सीटों में से कोई भी सीट किसी भी सहयोगी दल को देने को तैयार नहीं है। ऐसे में रालोद की मांग को पूरा करने के लिए सपा को ही अपने कोटे की सीटें कम करनी होगी। मायावती से मुलाकात के बाद बुधवार को अखिलेश यादव की मुलाकात रालोद के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी से होनी है। इस बैठक के बाद ही पूरी राजनीतिक तस्वीर साफ हो सकेगी।
16th January, 2019