ब्रेकिंग न्यूज़

घर का बंटवारा, अखिलेश की लोकप्रियता धुमिल करने का प्रयास

6 of 6
घर का बंटवारा, अखिलेश की लोकप्रियता धुमिल करने का प्रयास

आपका स्लाइडशो खत्म हो गया है

स्लाइडशो दोबारा देखें

..उत्तर प्रदेश की राजनीति में यादवों का शिरमौर बनकर उभरे है। पश्चिम के दंगों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस दरियादिली से मुस्लिम वर्ग की सहायता की, वह इस मामले में भी अपने पिता से आगे निकल गये। इस वोटिंग लिहाज से शिवपाल आैर अखिलेश में तुलना की जाय तो शिवपाल के लिए राह नही मिलेगी। पुत्रों के न होने पर ही भाई संपत्ति या अन्य किसी का वारिस होता है। ऐसे में शिवपाल राजनीतिक रूप से मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक वारिस नही हो सकते। अखिलेश ने वह अधिकार पहले ही अपने हाथ कर ली है। असल में इस विवाद के पीछे प्रतीक को पर्दे के पीछे कर शिवपाल राजनीतिक चाल चल रहे है। जब दो भाई आपस में भीड़ जाय तो चचा की बाजी लग सकती है।