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सपा का मुखौटा...

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समझौते के आसार कम--

फिलहाल में सपा में अभी तक जो कुछ भी चल रहा है, उससे समझौते के आसार कम होते जा रहे है। मुलायम सिंह यादव तथा शिवपाल अपनी जिद में अमर सिंह को साथ रखने पर अड़े हुए थो अखिलेश के लिए भी चचा राम गोपाल का इस हाल में साथ छोड़ना संभव नही लग रहा है। समझौते के आसार तभी संभव होगे जब मुलायम बड़कपन का परिचय देते हुए बेटे अखिलेश की जायज मांगों को स्वीकार करे। यदि मुलायम छोटे भाई शिवपाल की गुण्डई को अमली जामा पहना सकते है तो चचेरे भाई राम गोपाल की तार्किक बातों का भी सम्मान करना पड़ेगा। यही नही बेटे के हाथों को काटने का प्रयास छोड़कर उसे सशक्त करना ही होगा। इसके लिए अखिलेश समर्थकों की सपा से बरखास्तगी को बिना शर्त वापस करने के साथ ही टिकट वितरण में प्रभावी भूमिका स्वीकार करनी होगी। मुलायम-शिवपाल के लिए यह स्थिति भी बेहतर होती कि वे अखिलेश के चेहरे पर ही चुनाव में जाये आैर नकरात्मक रिजल्ट आने पर उसका ठिकरा भी अखिलेश के ही सर जाएगा। फिलहाल जिस प्रकार से दोनों तरफ से तनातनी चल रही है, उसमें समझौते के आसार कम लग रहे है। मुलायम सिंह यादव यदि अपने चिर-प्रतिद्वन्दी से अजीत सिंह से हाथ मिला सकते है तो अखिलेश को अलग कर कोई समझौता कारगर नही होगा। शिवपाल - अखिलेश का यह विवाद अभी आैर आगे तक जाने की संभावना है।