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भाई के प्रेम पर भारी पुत्र मोह

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भाई के प्रेम पर भारी पुत्र मोह

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शिवपाल के चेहरे से नही छिप सका दिल का दर्द--

सामान्य तौर पर बिना बात के भी मुस्कराने वाला शिवपाल सिंह यादव का चेहरा आज मंच पर मौजूद होते हुए भी पूरे समय हताश एवं मायूस रहा। अखिलेश की रथयात्रा में उमड़ा जन सैलाब के साथ ही पूरे प्रचार तंत्र में शिवपाल की अनदेखी का अपमान उनके चेहरे से साफ झलक रहा था। जो थोड़ी कसर थी, वह अखिलेश ने नाम भी न लेकर पूरी कर दी। हालात कुछ ऐसे बने कि अखिलेश की रथयात्रा की बधाई देने के बोल भी शिवपाल के मुख से नही निकल रहे थे। सफलता का आर्शिवाद देते हुए शिवपाल की आत्मा जैसे अन्दर से एक अनजाने भय से कांप रही थी। इसके विपरीत अखिलेश पर सत्ता का राजमद और सबकों किनारे कर अकेला चलने का गुमान साफ झलक रहा था।