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भाई के प्रेम पर भारी पुत्र मोह

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भाई के प्रेम पर भारी पुत्र मोह

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सपा की ताकत बने अखिलेश--

सपा की 25 वीं वर्षगांठ के जश्न से दो दिन पहले अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास कराकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादियों को यह संदेश दे दिया है कि पिता मुलायम के बाद अब कमान उन्ही के हाथों में आने वाली है। सपा की कमान संभालने को लेकर पिछले तीन माह से यदुबंश में जो कलह मची थी, वह अखिलेश के आज के शक्ति प्रदर्शन के बाद अन्य सभी नेता शिवपाल एवं अमर सिंह आदि बौने साबित हो गये है। समाजवादी संस्थापकों में मुखिया मुलायम सिंह यादव के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति आज अखिलेश के मंच पर उपस्थित नही था। रामगोपाल यादव को कुछ दिन पहले ही वरखास्त किया जा चुका है तो आजम खां यदुबंशी परिवार की कलह में अपना ही राग अलापने में लगे हुए है। आजम का दर्द यह है कि उनकी अनदेखी कर अखिलेश स्वयं ही मुसलमानों के रहनुमा बनने में लगे है। जहां तक बात रही अंकल अमर की तो पार्टी में रहते हुए भी वह न तो घर के है और नही घाट के। यदुबंशी कलह में अमर सिंह की भूमिका जिस प्रकार खलनायक के रूप में उभर कर सामने आयी है, उससे साफ है कि अखिलेश के ताकतवर होते ही, वह दूध की मक्खी की तरह बाहर कर दिये जाएगे।