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मुलायम-मायावती के काले आंसू, काले धन पर विफरे सपा,बसपा आैर कांग्रेसी

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मुलायम-मायावती के काले आंसू, काले धन पर विफरे सपा,बसपा आैर कांग्रेसी

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इसी अवधि में 2004 से 2007 तक मुलायम सिंह यादव सरकार, 2007 से 2012 तक मायावती सरकार तथा 2012 से अब तक अखिलेश सरकार के घोटालों ने यदुबंशी परिवार मुलायम सिंह यादव कुनबा तथा दलित के बेटी मायावती को देश के सर्वाधिक संपन्न राजनीतिज्ञों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। इन दोनों ही पार्टियों की सरकारों में खनन की अन्धाधुन्ध कमाई ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिये। मायावती सरकार के एक दर्जन मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की हवा खा चुके है आैर अब भी उन पर तलवार लटक रही है। बसपा सरकार के खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा वर्षो तक जेल की हवा खाने के बाद अभी मुकदमे की मार झेल रहे है तो अखिलेश सरकार के खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की अवैध कमाई राजनीतिक चर्चाओं के साथ अब यदुबंशी परिवार की कलह का कारण बन गयी है। बसपा छोड़ने वाले मायावती के नजदीकियों ने आरोप लगाया कि बसपा के विधानसभा टिकट के लिए दो से पांच करोड़ रूपये की मांग की जा रही है। आरोप है कि टिकट देने के नाम पर एक वर्ष में बसपा ने लगभग 850 करोड़ रूपये की अवैध वसूली की है। बसपा ने 130 से ज्यादा जिन मुसलमानों को प्रत्याशी बनाया है, वह सभी बिल्डर, ठेकेदार तथा मांस व्यापारी है। मायावती सरकार में उनके भाई तथा अन्य परिवारी जनों के पास करोड़ों की संपदा बढ़ी तो इसी प्रकार मुलायम सिंह यादव सरकार से यदुबंशी परिवार की आय भी लगातार नयी उंचाईया छूती गयी। यही कारण है कि काले धन को लेकर राहुल से लेकर मायावती आैर अखिलेश के बोल एक ही सुर में है आैर सभी अपनी परेशानी को किसानों आैर गरीबो के नाम पर हाय-तौबा करने में लगे हुए है।