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भाजपा को सता रही ब्राह्मणों की नाराजगी, संगठन पर पकड़ बनाने को महेन्द्र पाण्डेय की परीक्षा

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भाजपा को सता रही ब्राह्मणों की नाराजगी, संगठन पर पकड़ बनाने को महेन्द्र पाण्डेय की परीक्षा

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भाजपा नेतृत्व ने डा. दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाकर ब्राह्मणों को साधने का प्रयास अवश्य किया परन्तु प्रदेश की राजनीति में इस वर्ग के ब्राह्मणों की कोई खास मान्यता न होने के कारण यह तुक्का काम नही आया। ब्राह्मण नेता के रूप में कलराज मिश्र को वेटेज मिला और यही वजह रही कि 75 वर्ष के उम्र के मानक को तोड़ते हुए उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में बनाये रखा गया जबकि उन्ही की समक्ष नजमा हेपतुल्ला को राज्यपाल बनाकर भेज दिया गया।
भाजपा के समीकरण में देश में ब्राह्मण विरोध का संदेश ऐसे ही नही गया। भाजपा नेतृत्व एनडीए की 18 राज्यों में सरकारें है। परन्तु महाराष्ट्र को छोड़कर किसी भी राज्य में ब्राह्मण मुख्यमंत्री नही है। यही नही उत्तर भारत के भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा आदि किसी भी राज्य में ब्राह्मण मुख्यमंत्री नही है जबकि चार प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री सभी ठाकुर वर्ग के है। ऐसे हालात में सभी तरह के जातीय समीकरण को साधने में जुटे भाजपा नेताओं को बहुत देर से ब्राह्मण विरोध की भनक लगी तो उनकी छठी इन्द्री ने उन्हे सचेत करना शून्य डिग्री कर दिया।