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भाजपा को सता रही ब्राह्मणों की नाराजगी, संगठन पर पकड़ बनाने को महेन्द्र पाण्डेय की परीक्षा

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भाजपा को सता रही ब्राह्मणों की नाराजगी, संगठन पर पकड़ बनाने को महेन्द्र पाण्डेय की परीक्षा

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इस कड़ी में विनय कटियार ही ऐसे अध्यक्ष हुए जिन्होंने नागेन्द्र को अपनी कमान में रखा। प्रदेश भाजपा के सहायक महामंत्री संगठन बनकर आये सुनील बंसल ने तीन वर्ष के ही अन्तराल में अपने सभी प्रबल प्रतिद्वन्दियांे को किनारे लगा दिया। पहले महामंत्री संगठन राकेश जैन को निष्प्रभावी साबित कर सुनील बंसल ने उन्हे भाजपा की राजनीति से बेदखल किया और उसके बाद प्रभारी ओम प्रकाश माथुर जैसे दिग्गज एवं अनुभवी नेता को भी दिल्ली में बैठने पर मजबूर कर दिया। अमित शाह का वरद हस्त होने के कारण सुनील बंसल की लगातार बल्ले-बल्ले है। ऐसे में महेन्द्रनाथ पाण्डेय की अध्यक्ष पद की मर्यादा एवं आधिप्त्य कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी।