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बेटा अखिलेश ही राजनीतिक उत्तराधिकारी, भाई शिवपाल की नही गली दाल

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बेटा अखिलेश ही राजनीतिक उत्तराधिकारी, भाई शिवपाल की नही गली दाल

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घटना वर्ष 2005 की है जब पहली बार यादव परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हुआ। तब मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और शिवपाल यादव नंबर दो के मिनी मुख्यमंत्री कहे जाते थे। तब अखिलेश लखनऊ से दूर मात्र एक सांसद थे और प्रदेश की राजनीति में उनकी कोई दखलन्दाजी नही थी। मुलायम की संपत्ति के इस बंटवारे में पत्नी साधना तथा उनके पुत्र प्रतीक को अखिलेश के ही समक्ष आर्थिक संपदा का आबंटन हुआ। इसी पारिवारिक वार्ता में जिसमें शिवपाल की अहम भूमिका थी, मुलायम सिंह यादव ने पत्नी साधना तथा प्रतीक को साफ कर दिया था कि उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी अखिलेश ही होगा और साधना तथा प्रतीक इसमें कोई हस्तक्षेप नही करेंगे। परिवार में यह बात सर्वमान्य कर ली गयी थी। इसमें शिवपाल भी मजबूती के साथ तब अखिलेश के साथ थे।
क्योकि तब अखिलेश अपने चचा शिवपाल की हर बात में बात मिलाते थे और प्रदेश की राजनीति में किसी तरह का हस्तक्षेप नही करते थे।