नई दिल्ली
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से दिए गए भाषण की आलोचना करते हुए उसे नीरस करार दिया और कहा की ऐसे प्रेस नोट से देश की तक़दीर नहीं बदलने वाली। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मायावती ने पीएम मोदी द्वारा लाल किले से दिए गए भाषण को अब तक का सबसे नीरस और बेजान भाषण माना है। उनके भाषण में वही सब कुछ था जो पिछले एक साल के प्रेस नोट और केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस में कहे थे। इसलिए कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का भाषण एक प्रेसनोटों का संकलन मात्र था।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा-
- 11 हजार से अधिक शब्दों वाले प्रधानमंत्री के भाषण में देश के लोगों में नई उम्मीद, नया जोश और नया उमग भरने वाल कुछ भी नहीं था।
- उन्होंने कहा कि अपने पूरे भाषण में प्रधानमंत्री ने 'मेरी सरकार' की जगह सिर्फ 'मैंने-मैंने' का जिक्र किया।
- यह भी कहा पीएम मोदी ने अपने भाषण में जिन योजनाओं और उपलब्धियों का जिक्र किया अगर वे जमीनी स्तर पर गरीबों, किसानों और युवाओं तक पहुँचती तो बीजेपी की छवि अच्छी होती।
- बीजेपी की छवि जनता के बीच ख़राब हो चुकी है।
- इसके अलावा यह कोई उपलब्धि नहीं है बल्कि आमतौर पर ऐसे दावे राज्य सरकारें करती है।
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नई दिल्ली
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से दिए गए भाषण की आलोचना करते हुए उसे नीरस करार दिया और कहा की ऐसे प्रेस नोट से देश की तक़दीर नहीं बदलने वाली। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मायावती ने पीएम मोदी द्वारा लाल किले से दिए गए भाषण को अब तक का सबसे नीरस और बेजान भाषण माना है। उनके भाषण में वही सब कुछ था जो पिछले एक साल के प्रेस नोट और केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस में कहे थे। इसलिए कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का भाषण एक प्रेसनोटों का संकलन मात्र था।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से दिए गए भाषण की आलोचना करते हुए उसे नीरस करार दिया और कहा की ऐसे प्रेस नोट से देश की तक़दीर नहीं बदलने वाली। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मायावती ने पीएम मोदी द्वारा लाल किले से दिए गए भाषण को अब तक का सबसे नीरस और बेजान भाषण माना है। उनके भाषण में वही सब कुछ था जो पिछले एक साल के प्रेस नोट और केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस में कहे थे। इसलिए कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का भाषण एक प्रेसनोटों का संकलन मात्र था।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा-
- 11 हजार से अधिक शब्दों वाले प्रधानमंत्री के भाषण में देश के लोगों में नई उम्मीद, नया जोश और नया उमग भरने वाल कुछ भी नहीं था।
- उन्होंने कहा कि अपने पूरे भाषण में प्रधानमंत्री ने 'मेरी सरकार' की जगह सिर्फ 'मैंने-मैंने' का जिक्र किया।
- यह भी कहा पीएम मोदी ने अपने भाषण में जिन योजनाओं और उपलब्धियों का जिक्र किया अगर वे जमीनी स्तर पर गरीबों, किसानों और युवाओं तक पहुँचती तो बीजेपी की छवि अच्छी होती।
- बीजेपी की छवि जनता के बीच ख़राब हो चुकी है।
- इसके अलावा यह कोई उपलब्धि नहीं है बल्कि आमतौर पर ऐसे दावे राज्य सरकारें करती है।
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17th August, 2016