विजय शंकर पंकज ( यूरिड मीडिया)
लखनऊ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार के कई मंत्रियों की गोपनीय रिपोर्ट से काफी खिन्न है आैर उनकी भौंहे तनी हुई है। प्रधानमंत्री ने खराब परफारमेंस तथा विवादित क्रिया कलापों से घिरे लगभग डेढ़ दर्जन मंत्रियों की सूची तैयार की है जिन्हें शीघ्र ही बाहर का रास्ता दिखाया जाना है। इसमें सर्वाधिक लगभग आधे दर्जन मंत्री उत्तर प्रदेश के है। इसमें कुछ मंत्री संघ के वरिष्ठों के माध्यम से प्रधानमंत्री पर दबाव बनाये हुए है। प्रधानमंत्री ने प्रशासनिक कार्यो में संघ के वरिष्ठों के हस्तक्षेप न करने के संदर्भ में सीधी बात करने का निर्णय लिया है।
सूत्रों के अनुसार मंत्रियों के क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए प्रधानमंत्री की गोपनीय रिपोर्ट में खराब परफारमेंस से ज्यादा मंत्रियों के अन्यत्र क्रियाकलापों की रिपोर्ट में कई चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। प्रधानमंत्री के सख्त निर्देश के बाद भी कई मंत्रियों ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अपनों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया है। यही नही विभिन्न संस्थानों में अपने लोगों को नियम विरूद्ध नौकरियां भी दी गयी है। मंत्रियोंं के अपने ही क्षेत्रों में गुटबाजी को बढ़ावा देने तथा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने के आरोप है। यही नही कई मंत्रियों के इर्दगिर्द पूंजीपतियों एवं ठेकेदारों आैर दलालों की भी टीम लगी हुई है। इसमें सर्वाध्कि शिकायत यूपी तथा पंजाब के मंत्रियों की है जबकि महाराष्ट्र एवं आन्ध्र प्रदेश की भी शिकायतें है।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री बैड रिपोर्ट वाले मंत्रियों की पिछले दिनों ही छुट्टी करने के मूड में थे परन्तु यूपी एवं पंजाब के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मामले को फिलहाल रोक देने का निर्णय किया गया। विधान सभा चुनावों के बाद मार्च 2017 में ऐसे मंत्रियों की छुट्टी किये जाने की संभावना है। यूपी के मंत्रियों में पश्चिमी एवं पूर्वी क्षेत्र से 2-2 तथा मध्य एवं बुन्देलखंड से 1-1 मंत्री का नाम है। इसमें एक मंत्री पर अपने ही वरिष्ठ मंत्री की छवि खराब करने का भी आरोप है। यह मंत्री संघ के वरिष्ठों की सिफारिश पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किये गये थे।
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लखनऊ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार के कई मंत्रियों की गोपनीय रिपोर्ट से काफी खिन्न है आैर उनकी भौंहे तनी हुई है। प्रधानमंत्री ने खराब परफारमेंस तथा विवादित क्रिया कलापों से घिरे लगभग डेढ़ दर्जन मंत्रियों की सूची तैयार की है जिन्हें शीघ्र ही बाहर का रास्ता दिखाया जाना है। इसमें सर्वाधिक लगभग आधे दर्जन मंत्री उत्तर प्रदेश के है। इसमें कुछ मंत्री संघ के वरिष्ठों के माध्यम से प्रधानमंत्री पर दबाव बनाये हुए है। प्रधानमंत्री ने प्रशासनिक कार्यो में संघ के वरिष्ठों के हस्तक्षेप न करने के संदर्भ में सीधी बात करने का निर्णय लिया है।
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19th August, 2016