उन्होंने कहा कि अलग बुंदेलखंड राज्य बनना ही चाहिए। सिद्दीकी ने यहां कई बड़ी योजनाएं लागू की थीं। इनमें कुछ अधूरी रह गई हैं। केंद्र और राज्य सरकार इन्हें जनहित में जरूर पूरा करा दें।
मंडपम सभागार में रविवार को आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में सिद्दीकी ने कहा कि बसपा कांशीराम की देन थी। कांशीराम ने रात-दिन एक करके संगठन खड़ा किया। उनके जाते ही मायावती ने बंटाधार शुरू कर दिया। सिद्दीकी ने कहा कि समय-समय पर वह और बसपा के वरिष्ठ लोगों ने मायावती को आगाह कराया, लेकिन वह नहीं मानीं। आगे स्लाइड में देखे..