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वसीयत की जंग में अखिलेश की जीत?

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वसीयत की जंग में अखिलेश की जीत?

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समझौते का फार्मूला--

सपा के बरिष्ठ नेताओं विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, नरेश अग्रवाल तथा अन्य कई नेताओं ने मुख्यमंत्री की विधायकों के साथ बैठक की खबर के बीच मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया परन्तु उसके पहले ही अखिलेश ने कई मंत्रियों तथा अमर सिंह की नजदीकी जया प्रदा को बरखास्त कर अपने तेवर साफ कर दिये। बाद में शिवपाल भी मुलायम सिंह यादव से मिले परन्तु वहां से बिना सरकारी गाड़ी से लौटे। बाद में कई मंत्री लगातार मुलायम सिंह यादव से मिलते रहे। अखिलेश के कड़े तेवर से मुलायम खेमा सकते में है तो शिवपाल समर्थक सड़कों पर विलाप कर रहे है। सपा के चिन्तकों का कहना है कि अब समझौते का एकमात्र यही रास्ता है कि अखिलेश को प्रदेश के चुनाव तथा प्रत्याशी चयन का पूरा अधिकार सौंपा जाय आैर बाद में मुलायम सिंह यादव उसे राजनीतिक वारिस घोषित करे। पार्टी से बरखास्त अखिलेश समर्थकों को वापस लिया जाय। अमर सिंह को पार्टी से निकाले जाने के साथ ही शिवपाल की राजनीतिक दखलन्दाजी बंद हो आैर उन्हें राज्य से हटाकर राष्ट्रीय राजनीति में ले जाया जाय।