ब्रेकिंग न्यूज़

सांई - धार्मिक वर्णशंकर 

5 of 6
सांई - धार्मिक वर्णशंकर 

आपका स्लाइडशो खत्म हो गया है

स्लाइडशो दोबारा देखें

सांई की गौरवगाथा-- 

भारत भूमि में कुछ वर्षो पहले "सांई" शब्द को पहले चरण में हिन्दू-मुस्लिम एकता के रूप में प्रतिपादित करने का प्रयास किया गया। इसके मूर्ति पूजा के स्वरूप को मुस्लिम समाज ने नकार दिया जबकि यह बतलाने का प्रयास किया गया कि वह मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे। अब यह स्थिति कायम हो गयी है कि सांई को "शंकर- विष्णु" के तौर पर प्रतिपादित कर गीत गाये जा रहे है। सांई को भगवान मानकर पूजा-अर्चना तथा भजन संगीत चल रहे है। मंदिरों में सांई की बड़ी मूर्ति केेे पास शंकर, विष्णु, गणेश आदि देवी-देवताओं की छोटी मूर्तिया स्थापित कर उनके सामने बौने किये जा रहे है। अन्य देवाओं के मंदिरों में भी सांई की मूर्तियां स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे है। पूरे देश-विदेश में अच्छी-खासी धार्मिक दुकान खुल गयी है। आये दिन करोडों में आने वाले चढ़ावा का बखान होता है।