ब्रेकिंग न्यूज़

सांई - धार्मिक वर्णशंकर 

6 of 6
सांई - धार्मिक वर्णशंकर 

आपका स्लाइडशो खत्म हो गया है

स्लाइडशो दोबारा देखें

आखिरकार एक जन्मा व्यक्ति अजन्मा भगवान सदृश्य कैसे हो सकता है? भारतीय जनमानस में गुरु को भगवान सदृश्य माना गया है। ईशा मसीह ने अपने को "भगवान का पुत्र" आैर मोहम्मद साहब ने "अल्लाह का पैगम्बर" कहा। इसके विपरीत सांई तो शाश्वत "शंकर-विष्णु" के स्वरूप हो गये है। इसी प्रकार इस्लाम में भी कई लोग ऐसे है जो मजारों पर जाकर मोहम्मद साहब के राह को भटका रहे है। असल में ऐसे ही लोग धार्मिक वर्णशंकरता को बढ़ावा दे रहे है। इसके लिए चमत्कार की तरह-तरह की कहानियां प्रस्तुत कर फिल्मों एवं डाक्यूमेन्ट्री के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक दुकान चलाने के लिए प्रचार का यह नया तरीका है।