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मायावती का सपाई प्रेम, हताशा की झलक- स्टेट गेस्ट हाउस कांड की सिहरन अभी बाकी है

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मायावती का सपाई प्रेम, हताशा की झलक- स्टेट गेस्ट हाउस कांड की सिहरन अभी बाकी है

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वर्ष 1993 में मुलायम सिंह यादव ने ऐसा ही गठजोड़ बसपा के संस्थापक कांशीराम के साथ किया था और सपा-बसपा की पहली रैली बरेली में हुई थी जिसमें मुलायम सिंह यादव ने पिछडों, दलित तथा मुस्लिम वोट बैंक का आंकड़ा जुटाया था। इस गठबंधन के बाद भी विधानसभा चुनाव में भाजपा से एक सीट कम मिली थी जबकि बाबरी विध्वंस के कारण मुस्लिम समाज में कड़वी प्रतिक्रिया थी जो यादव और दलित में सरकार बनाने का जुनून।

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 2 जून 1995 को स्टेट गेस्ट हाउस...