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मायावती का सपाई प्रेम, हताशा की झलक- स्टेट गेस्ट हाउस कांड की सिहरन अभी बाकी है

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मायावती का सपाई प्रेम, हताशा की झलक- स्टेट गेस्ट हाउस कांड की सिहरन अभी बाकी है

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आरक्षण से सवर्ण और... 

प्रमोशन में आरक्षण से सवर्ण और पिछडïा मतदाता बसपा से खिसका। इसी प्रकार सपा की अखिलेश सरकार में सभी प्रकार की भर्तियों में अन्य जातियों को दरकिनार कर जिस प्रकार से केवल यादव वर्ग को तरजीह दी गयी जिससे सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगे। भाजपा ने वर्ष १९९१ एवं १९९३ के उसी समीकरण को दोहराते हुए यादव छोडï अन्य पिछडों और जाटव/चमार छोड़ अन्य दलित वोट बैंक को अपने में जोडïने का काम किया। भाजपा की यही नीति वर्ष २०१४ के लोकसभा से लेकर वर्ष २०१७ के विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व विजय दिला गयी जबकि अन्य दल केवल मुस्लिम मतों को अपने पाले में लेने के लिए हर प्रयास में लगे हुए थे।

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