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मायावती का सपाई प्रेम, हताशा की झलक- स्टेट गेस्ट हाउस कांड की सिहरन अभी बाकी है

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मायावती का सपाई प्रेम, हताशा की झलक- स्टेट गेस्ट हाउस कांड की सिहरन अभी बाकी है

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समाजवादियों के मायावती को जान... 

वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत न मिलने पर भाजपा विरोध के नाम पर मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी परन्तु यादव-दलित गठबंधन की समरसता डेढï वर्ष तक भी नही चल सकी। समाजवादियों के मायावती को जान से मारने की घटना के बाद दोनों दलों में खटास इतनी बढ़ी की दोनों ही एक दूसरे की जान के प्यासे रहते थे। अब लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बसपा को अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए सपा से गठबंधन के लिए यह हलाहल पीने को विवश होना पडï रहा है।

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